हम तो उम्रभर
प्यार के लिए तरसते रहे,
लेकिन प्यार तो नसीब में
लिखाही नही था,
मेरे रंग रूपसे शायद
वो मुझे जांचती रही....
दिलका सच्चा प्यार उसने
परखाही नही था.
जिंदगी युही जिलेंगे
तुम्हारी यादमें ....
कुछ और कविता
लिखता रहूँगा तेरी प्यारमें . - हर्षद कुंभार
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